Nida Khan Biography in Hindi | निदा खान जीवन परिचय | StarsUnfolded - हिंदी

Nida Khan Biography in Hindi | निदा खान जीवन परिचय | StarsUnfolded - हिंदी

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जीवन परिचय
व्यवसाय महिला कार्यकर्ता और राजनेता
जानी जाती हैं जनवरी 2022 में भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता लेने के तौर पर
राजनीति करियर
पार्टी/दल • भारतीय जनता पार्टी (भाजपा, जनवरी 2022 में)
राजनीतिक यात्रा 2016: आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी
शारीरिक संरचना
आँखों का रंग काला
बालों का रंग काला
व्यक्तिगत जीवन
जन्मतिथि वर्ष 1994
आयु (2022 के अनुसार) 28 वर्ष [1]Twitter
जन्मस्थान बरेली, उत्तर प्रदेश, भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
गृहनगर बरेली, उत्तर प्रदेश
शैक्षिक योग्यता स्नातक [2]The Diplomat
धर्म इस्लाम [3]Hindustan Times
राजनीतिक झुकाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
प्रेम संबन्ध एवं अन्य जानकारियां
वैवाहिक स्थिति तलाकशुदा [4]The Diplomat
विवाह तिथि 18 फरवरी 2015 (बुधवार)
परिवार
पति शीरन रज़ा खान (विवाह 2015, तलाक 2016)
माता/पिता पिता- मसर्रतयार खान
माता- यासमीन खान
भाई/बहन भाई- मोईन खान

निदा खान से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां

  • निदा खान एक भारतीय महिला कार्यकर्ता और राजनेत्री हैं। अपनी शादी के एक ही साल के भीतर तीन तलाक का सामना करने के बाद वह भारत की प्रमुख महिला कार्यकर्ताओं में से एक बनी। इसके अलावा निदा खान निकाह हलाला से पीड़ितों का भी समर्थन करती हैं। [5]Economic Times

  • 18 फरवरी 2015 को निदा खान ने शीरन रज़ा खान से शादी की, जो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के नेता मौलाना तौकीर रज़ा के भतीजे हैं। निदा की शादी तब हुई जब वह मास्टर डिग्री के अंतिम वर्ष में थी। शीरन रज़ा खान बरेली के आला हज़रत कबीले से संबंधित है और आला हज़रत एक इस्लामी विद्वान और दक्षिण एशिया में बरेलवी आंदोलन के संस्थापक थे। शादी के पांच महीने बाद ही उनके ससुराल वालों ने दहेज के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया था जिसके बाद वह घरेलू हिंसा और तलाक का शिकार हो गई।

  • अपने एक साक्षात्कार में निदा खान ने कहा कि उनके पति ने शादी के बाद भी उनकी पढ़ाई जारी रखने का वादा किया था, लेकिन उनकी मास्टर डिग्री की अंतिम परीक्षा के दौरान ही उनके पति ने उन्हें शिक्षकों और पुलिसकर्मियों की उपस्थिति में परीक्षा कक्ष से बाहर खींच लिया, लेकिन किसी ने उन्हें रोकने की हिम्मत नहीं की क्योंकि वह उत्तर प्रदेश के एक प्रतिष्ठित परिवार से थे। निदा का गर्भपात तब हुआ जब उनके पति ने उन्हें बुरी तरह से पीटा और 17 जुलाई 2015 को तीन तलाक दे दिया और उन्हें घर छोड़ने पर मजबूर किया गया। हालांकि तलाक के बाद उन्होंने अपना पोस्ट ग्रेजुएशन पूरा किया और कानून की डिग्री एमकॉम की पढाई पूरी की।

  • निदा खान ने वर्ष 2016 में उत्तर प्रदेश में अला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी नाम एक संगठन की स्थापना की। यह संगठन मुस्लिम महिलाओं को सलाह देता है कि जो तीन तलाक, बहुविवाह, घरेलू हिंसा और निकाह हलाला की शिकार हैं इस संगठन से जुड़ें। [6]The Diplomat

  • निदा खान को कुछ समय बाद पता चला कि उनके पति की दूसरी शादी हो रही है। तब निदा खान ने उस महिला से मिलने का फैसला किया जो शीरन रजा खान से शादी करने जा रही थी। निदा ने उस महिला को शादी के सभी दस्तावेज, घरेलू हिंसा की तस्वीरें दिखाईं और निदा ने शादी नहीं करने के लिए उस महिला को मना लिया। इस पर उनकी शादी टूट गई। जल्द ही शीरन रजा खान उनके घर पहुंच गए और निदा खान को धमकी दी। निदा खान ने शीरन रजा खान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने पुलिस स्टेशन गई तो अधिकारियों ने उनका मजाक उड़ाया और एआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया। कोर्ट के नोटिस के बाद उनकी शिकायत दर्ज की गई। अप्रैल 2017 को उस केस की जांच शुरू हुई और 2018 में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। [7]The Diplomat

  • निदा खान के अनुसार, उनके तलाक के तुरंत बाद उनके ससुर और देवर ने ‘निकाह हलाला’ प्रक्रिया के तहत शीरन रजा खान से पुनर्विवाह करने के लिए मजबूर किया। लेकिन उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया और ससुराल छोड़कर अपने पिता के घर चली आई। जिसके बाद निदा ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा और कानून को खत्म करने का आग्रह किया क्योंकि उनका मानना ​​​​था कि तीन तलाक प्रणाली इस्लाम में एक अनैतिक प्रथा है। [8]New India Express

  • महिलाओं के हक की लड़ाई लड़ रही निदा खान को सितम्बर 2018 में योगी आदित्यनाथ ने “देवी पुरस्कार” से सम्मानित किया था। इस पुरस्कार के लिए प्रदेश की दस महिलाओं को चुना गया था जिसमे निदा खान का भी नाम शामिल था।

  • जुलाई 2018 में इस्लाम प्रथाओं के खिलाफ बोलने के लिए निदा खान के खिलाफ एक फतवा जारी किया गया था। फतवा जारी होने के तुरंत बाद निदा खान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जो लोग भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में फतवा जारी कर रहे हैं। [9]ABP News वह पाकिस्तान जा सकते हैं। उन्होंने कहा-

    फतवा जारी करने वालों को “पाकिस्तान चले जाना चाहिए”। “भारत एक लोकतांत्रिक देश है। मुझे इस्लाम से कोई अलग नहीं कर सकता। केवल अल्लाह ही तय कर सकता है कि कौन दोषी है।”

    निदा खान के खिलाफ जारी फतवा को इस तरह पढ़ा गया,

    बीमार पड़ने पर कोई दवा नहीं दी जाएगी। यदि वह मर जाती है, तो किसी को भी उसके ‘जनाजा’ (अंतिम संस्कार) पर नमाज़ अदा करने की अनुमति नहीं है। उसकी मृत्यु के बाद उसे कब्रिस्तान (कब्रिस्तान) में नहीं दफनाया जा सकता है।”

  • निदा खान के खिलाफ फतवा जारी करने के बाद उनके बाल काटने वाले के लिए उनके ससुर ने 11,876 रूपये की घोषणा की थी और उन्हें तीन दिनों के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया था। [10]OP India

  • जनवरी 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले निदा खान भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गई। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह भाजपा में इस लिए शामिल हुईं क्योंकि भाजपा ने तीन तलाक कानून के खिलाफ बहुत कुछ किया और उत्तर प्रदेश में भाजपा शासन में महिलाएं सुरक्षित महसूस कर रही हैं। [11]News18 उन्होंने कहा-

    तीन तलाक मेरे जीवन का टर्निंग प्वाइंट था, इसलिए मैं बीजेपी का समर्थन करती हूं। तीन तलाक के खिलाफ कानून लाकर भाजपा ने उल्लेखनीय काम किया है। ऐसा लगता है कि अन्य पार्टियां सिर्फ महिला सशक्तिकरण और महिला सुरक्षा के नारे लगा रही हैं, लेकिन इसे सिर्फ बीजेपी ने साबित किया है।”

Former UP Minister & SP leader Shivcharan Prajapati and many other leaders of SP, BSP, & Congress join BJP in Lucknow

Nida Khan, a Triple Talaq victim from Bareilly, says, "I've joined BJP because it brought Triple Talaq law & worked for empowerment of women of all religions." pic.twitter.com/hbJlZEh16n

— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 30, 2022

सन्दर्भ[+]

| | | | --- | --- |सन्दर्भ | ↑1 | Twitter | | ↑2, ↑4 | The Diplomat | | ↑3 | Hindustan Times | | ↑5 | Economic Times | | ↑6, ↑7 | The Diplomat | | ↑8 | New India Express | | ↑9 | ABP News | | ↑10 | OP India | | ↑11 | News18 |

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