Baba Harbhajan Singh History in Hindi | बाबा हरभजन सिंह का इतिहास | StarsUnfolded - हिंदी
Baba Harbhajan Singh History in Hindi | बाबा हरभजन सिंह का इतिहास | StarsUnfolded - हिंदी
वैसे तो हमारे देश में देवी- देवताओं के काफी मंदिर बने हैं। लेकिन, क्या आपने कभी सुना है किसी सैनिक का मंदिर। एक ऐसा मंदिर जहां दूर- दूर से लोग पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं। वह मंदिर किसी देवी-देवता का नहीं बल्कि भारतीय सैनिक बाबा हरभजन सिंह का है। विभिन्न मान्यताओं के अनुसार, बाबा हरभजन सिंह मरने के बाद भी अपनी नौकरी कर रहे हैं। यह सुनकर आपको काफी हैरानी हुई होगी, लेकिन यह एक सच है। सिक्किम में बने बाबा हरभजन सिंह का मंदिर बहुत लोगों का आस्था का भी प्रतीक माना जाता है।
बाबा हरभजन सिंह का जन्म
बाबा हरभजन सिंह का जन्म 30 अगस्त 1946 को गुजरांवाला पंजाब (वर्तमान पाकिस्तान) के सदराना गांव में हुआ था। उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा वहीं के स्थानीय स्कूल से प्राप्त की थी। मार्च 1955 में, उन्होंने डी.ए.वी. हाई स्कूल, पट्टी से दसवीं की थी। बचपन से ही, वह एक फौजी बनना चाहते थे। जिसके चलते वर्ष 1966 को हरभजन सिंह भारतीय सेना के पंजाब रेजीमेंट में सिपाही के रूप में भर्ती हुए।
बाबा हरभजन सिंह का सैन्य Career
वर्ष 1956 में, हरभजन सिंह पंजाब रेजिमेंट में भर्ती हुए, जिसके बाद उन्हें Signal Core में शामिल किया गया। जहां 30 जून 1965 को हरभजन सिंह को एक कमीशन का कार्यभार सौंपा गया। जिसके बाद उन्हें 14 राजपूत रेजिमेंट में तैनात किया गया। वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। जिसके चलते उनका स्थानांतरण “18 राजपूत रेजिमेंट” में हुआ।
वर्ष 1968 में, हरभजन सिंह ’23वीं पंजाब रेजिमेंट’ के साथ पूर्वी सिक्किम में तैनात किया गया। उसी वर्ष 4 अक्टूबर 1968 को वह पूर्वी सिक्किम के नाथुला दर्रे से डोंगचुई तक खच्चरों के एक समूह पर रसद लेकर जा रहे थे। विभिन्न स्त्रोतों के अनुसार, यह कहा जाता है कि उसी समय उनका पैर फिसल गया और वह नदी में गिर गए, तेज बहाव होने के कारण उनका शरीर 2 किलोमीटर दूर चला गया। जब इस दुर्घटना की सुचना भारतीय सेना के उच्च अधिकारीयों को मिली, तभी उन्होंने हरभजन सिंह की तलाश करनी शुरू कर दी। जिसमें पांच दिन तक सर्च ऑपरेशन चला, फिर उन्हें लापता घोषित कर दिया गया। पांचवें दिन उनके एक साथी सिपाही प्रीतम सिंह को सपने में आकर हरभजन सिंह ने अपनी मृत्यु की जानकारी दी और बताया की उनका शव कहां पर है।
बाबा हरभजन सिंह पंजाब रेजिमेंट में
लेकिन सेना के अधिकारीयों को अब भी विश्वास नहीं था, कि प्रीतम सिंह के सपने में हरभजन सिंह आया और अपनी मृत्यु का कारण बताया। सेना में किसी ने भी प्रीतम सिंह की बातों पर यकीन नहीं किया और जब उनके शव का कोई पता नहीं मिलने पर सेना के कुछ अधिकारी हरभजन सिंह के बताए स्थान पर गए।
जहां उन्हें हरभजन सिंह का मृत शरीर मिला। जिसे देख सेना के सभी अधिकारी आश्चर्यचकित रह गए। उन्होंने प्रीतम सिंह से माफ़ी मांगी और सम्मानपूर्वक हरभजन सिंह का अंतिम संस्कार किया। संस्कार के कुछ समय बाद, एक बार फिर हरभजन सिंह प्रीतम सिंह के सपने में आए और अपनी समाधि बनाने की इच्छा व्यक्त की। जिसके चलते सेना के उच्च अधिकारियों ने “छोक्या छो” नामक स्थान पर उनकी समाधि बनाई। विभिन्न सैनिक अधिकारियों के अनुसार कहा जाता है कि मृत्यु के बाद भी बाबा हरभजन सिंह अपनी ड्यूटी करते हैं और चीन की सभी गतिविधियों पर नजर रखते हैं और समय-समय पर सैनिकों को सतर्क करते रहते हैं। जिसके चलते हरभजन सिंह पर लोगों का इतना विश्वास बढ़ गया, सेना द्वारा बाकी सभी की तरह हरभजन सिंह को भी वेतन, दो महीने की छुट्टी, इत्यादि सुविधाएं दी जाती थी। लेकिन अब वह रिटायर हो चुके हैं। जिसके चलते भारतीय सेना द्वारा उन्हें मरणोपरांत कैप्टन की उपाधि से सम्मानित किया।
सिक्किम में नाथुला पास
प्रचलित मान्यताएं
ऐसा कहा जाता है कि अन्य सैनिकों की तरह हरभजन सिंह को भी मरणोपरांत दो महीने की छट्टी दी जाती थी। जिसमें उनका सामान एक ट्रेन के माध्यम से उनके घर तक पहुंचाया जाता था। जिसके लिए टिकट भी बुक करवाई जाती है और स्थानीय लोग उनके सामान को लेकर जुलूस के रूप में उन्हें रेलवे स्टेशन तक छोड़ने जाते हैं।
बाबा हरभजन सिंह का ट्रेन टिकट
बाबा हरभजन सिंह मंदिर में बाबा हरभजन सिंह के जूते और बाकी का सामन रखा गया है। जिसकी भारतीय सेना के जवान चौकीदारी करते हैं और उनके जूतों को प्रतिदिन पॉलिश भी करते हैं। वहां पर तैनात सिपाहियों का कहना है कि रोज उनके जूतों पर किचड़ लगा हुआ होता है और उनके बिस्तर पर सलवटें पर दिखाई पड़ती हैं।
बाबा हरभजन सिंह का मंदिर में रखा सामान
भारतीय सेना के अलावा चीन की सेना का भी मानना है कि उन्होंने रात के समय बाबा हरभजन सिंह को घोड़े पर सवार होकर गश्त लगाते हुए देखा है। सूत्रों के मुताबिक, बाबा हरभजन सिंह अशरीर भारतीय सेना की सेवा करते आ रहे हैं और इसी के मद्देनज़र बाबा हरभजन सिंह को मृत्युपरांत अशरीर भारतीय सेना की सेवा में रखा गया। यही-नहीं उनकी याद में भारतीय सेना द्वारा एक मंदिर का निर्माण करवाया गया। यह भी कहा जाता है कि यहाँ रखे पानी की बोतल में चमत्कारिक गुण आ जाते हैं और इसका 21 दिन तक सेवन करने से श्रद्धालु अपने रोगों से छुटकारा पाते हैं।
बाबा हरभजन सिंह के मंदिर में रखी पानी की बोतलें
बताया जाता है कि नाथुला में जब भी भारत और चीन के बीच फ्लैग मीटिंग होती है, तो चीनी सेना बाबा हरभजन के लिए एक अलग से कुर्सी लगाते हैं।
बाबा हरभजन सिंह का मंदिर
बाबा हरभजन सिंह के जीवन पर आधारित फिल्म
बाबा हरभजन सिंह के जीवन पर आधारित एक लघु फिल्म “प्लस माइनस” बनाई गई, जिसमें बहुचर्चित यूटूबर भुवन बाम व बॉलीवुड अभिनेत्री दिव्या दत्ता ने कार्य किया है।
!
Chitra Singh Biography in Hindi | चित्रा सिंह (जगजीत सिंह की पत्नी) जीवन परिचयChitra Singh Biography in Hindi | चित्रा सिंह (जगजीत सिंह की पत्नी) जीवन परिचय
!
Sidhu Moosewala Biography in Hindi | सिद्धू मूसेवाला जीवन परिचयSidhu Moosewala Biography in Hindi | सिद्धू मूसेवाला जीवन परिचय
!
Harmanpreet Kaur Biography in Hindi | हरमनप्रीत कौर जीवन परिचयHarmanpreet Kaur Biography in Hindi | हरमनप्रीत कौर जीवन परिचय
!
Jayant Sinha Biography in Hindi | जयंत सिन्हा जीवन परिचयJayant Sinha Biography in Hindi | जयंत सिन्हा जीवन परिचय
!
Dimple Yadav Biography in Hindi | डिम्पल यादव जीवन परिचयDimple Yadav Biography in Hindi | डिम्पल यादव जीवन परिचय
!
Shahrukh Khan Biography in Hindi | शाहरुख खान जीवन परिचयShahrukh Khan Biography in Hindi | शाहरुख खान जीवन परिचय
!
Shweta Agarwal Biography in Hindi | श्वेता अग्रवाल जीवन परिचयShweta Agarwal Biography in Hindi | श्वेता अग्रवाल जीवन परिचय
!
Akshay Kumar Biography in Hindi | अक्षय कुमार जीवन परिचयAkshay Kumar Biography in Hindi | अक्षय कुमार जीवन परिचय
!
Gopikabai (Wife of Balaji Bajirao) Biography in Hindi | गोपिकाबाई (बालाजी बाजीराव की पत्नी) जीवन परिचयGopikabai (Wife of Balaji Bajirao) Biography in Hindi | गोपिकाबाई (बालाजी बाजीराव की पत्नी) जीवन परिचय
!
Muhammed Anas Yahiya Biography in Hindi | मोहम्मद अनस याहिया जीवन परिचयMuhammed Anas Yahiya Biography in Hindi | मोहम्मद अनस याहिया जीवन परिचय
Related Posts
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *
Name
Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.